जब पढने में मन न लगे तो क्या करे ? (How To Focus Studies in Hindi)




दोस्तो, अकसर प्रतियोगी परीक्षाओ की तैयारी करने वाले प्रतियोगियों के सामने यह समस्या आती है, कि पढाई में मन नही लगता है । मगर पढना प्रतियोगी परीक्षा के लिए बहुत जरुरी है । तो मेरे अनुभव और विचार से तो सबसे पहले पढाई में मन न लगने के कारन का पता लगाना चाहिए कि आखिर पढाई में मन क्यों नही लग रहा है ?

मेरे विचार से कुछ सामान्य कारण ये हो सकते है :

१- पढाई का उपयुक्त माहौल का न होना ।
२- पढने का उचित समय का न होना ।
३- पढने के लिए उपयुक्त सामग्री का न होना ।
४- उचित मार्गदर्शन का न होना ।
५-
अन्य कार्यो से व्यवधान ।
६- एकाग्रता की कमी होना ।
७- दृढ निश्चय का अभाव।




मेरे ख्याल से उपरोक्त सामान्य कारणों से सामान्यतः प्रतियोगी पढ़ नही पाते है , इनके अलावा भी कुछ अन्य विशेष कारण हो सकते है , जो अलग अलग लोगो के लिए अलग हो सकते है । आज हम इन्ही सामान्य कारणों की चर्चा करते है । इन कारणों में सबसे महत्वपूर्ण कारण जो है , वो है उचित मार्गदर्शन का न होना उचित मार्गदर्शन का प्रतियोगी परीक्षाओ में अति महत्वपूर्ण स्थान है । जैसे आपको अगर दिल्ली जाना है , और आपको सही रास्ता मालूम नही , अगर आपको सही मार्गदर्शक नही मिला तो हो सकता है , कि आप किसी तरह से दिल्ली पहुच भी जाये मगर इसमें आपका बहुत सारा समय और धन खर्च हो सकता है । मगर सही मार्गदर्शक मिलने पर आप समय के साथ धन भी बचा सकते है , और अपनी मंजिल पर सही वक़्त पर पहुच सकते है । अतः सही ढंग से तैयारी शुरू करने के लिए एक उपयुक्त मार्गदर्शक अतिआवश्यक है । कई बार हम मेहनत और प्रयास तो बहुत करते है मगर सफलता नही मिलती है , दूसरी तरफ कुछ लोग कम मेहनत और कुछ प्रयास में ही सफल हो जाते है ।इसका कारण उनका सही दिशा में सार्थक प्रयास होता है  जैसे - अगर हम कील को उल्टा पकड़कर कितनी भी जोर से दीवार में ठोंके वह नही ठुक सकती है , वही उसे सीधा कर देने पर वह थोड़े प्रयास से ही आराम से ठुक जाएगी । इसी तरह प्रतियोगी परीक्षा में सही दिशा में सही प्रयास बहुत जरुरी है ।

अब हम मूल मुद्दे पर आते है , कि कैसे हम पढाई में मन लगाये : -
सबसे पहले तो पढने के लिए एक लक्ष्य या उद्देश्य होना जरुरी है , यह हमारे लिए प्रेरक का कार्य करता है । अगर लक्ष्य विहीन है ,तो हमारी सफलता शंकास्पद होगी । अतः एक लक्ष्य होना अति आवश्यक है । एक से अधिक लक्ष्य होने से मन अधिक भटकता है और पढाई में मन नही लगता है ।


अब लक्ष्य निर्धारण के बाद समुचित तैयारी जरुरी है , अर्थात हमें अपने लक्ष्य के बारे में पूरी जानकारी जुटानी होगी , कि  -
1.परीक्षा कैसे होगी ?
2.सिलेबस क्या है ?
3.पैटर्न किस तरह का है ?
4.प्रश्न किस तरह के आते है ?
5.पाठ्य सामग्री कहाँ से , कैसे मिलेगी ?
6.तैयारी की रणनीति क्या होगी ?
7.सफलता के लिए कितनी मेहनत जरुरी है ?
8.सफल लोगो की क्या रणनीति रही थी ? इत्यादि


अगर हम इन प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर लेते है तो , हमारी समास्या का आधा समाधान हो जायेगा । अब आधे समाधान के लिए हमें अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित करना होगा । मतलब सेल्फ मेनेजमेंट यदि हम खुद को सही तरीके से प्रतियोगिता के हिसाब से नही ढाल पाते है, तो सफलता में संदिग्धता होगी । हमें अपनी पढाई का समय और घंटे अपनी क्षमता के अनुसार निर्धारित करने होंगे । और निर्धारित समय सरणी का द्रढ़ता के साथ पालन करना होगा । इसके लिए हम प्रेरक व्यक्तिवो , प्रेरक प्रसंगों, प्रेरक पुस्तकों आदि का सहर ले सकते है ।


पढाई करते समय ध्यान देने योग्य बाते :-
१ -  पढाई हमेशा कुर्सी-टेबल पर बैठ कर ही करें , बिस्तर पर लेट कर बिलकुल भी न पढ़े । लेटकर पढने से पढ़ा हुआ दिमाग में बिलकुल नही जाता , बल्कि नींद आने लगती है ।
२ -  पढ़ते समय टेलीविजन न चलाये और रेडियो या गाने भी बंद रखे ।
३ -  पढाई के समय मोबाइल स्विच ऑफ़ करदे या साईलेंट मोड में रखे ," मोबाइल पढाई का शत्रु है "
४ - पढ़े हुए पाठ्य को लिखते भी जाये इससे आपकी एकाग्रता भी बनी रहेगी और भविष्य के लिए नोट्स भी बन जायेंगे ।
५ -  कोई भी पाठ्य कम से तीन बार जरुर पढ़े ।
६ -  रटने की प्रवृत्ति से बचे , जो भी पढ़े उस पर विचार मंथन जरुर करें ।
७ -  शार्ट नोट्स जरुर बनाये ताकि वे परीक्षा के समय काम आये ।
८ -  पढ़े हुए पाठ्य पर विचार -विमर्श अपने मित्रो से जरुर करें , ग्रुप डिस्कशन पढाई में लाभदायक होता है।
९ -  पुराने प्रश्न पत्रों के आधार पर महत्वपूर्ण टोपिक को छांट ले और उन्हें अच्छे से तैयार करें ।
१० -संतुलित भोजन करें क्योंकि ज्यादा भोजन से नींद और आलस्य आता है , जबकि कब भोजन से पढने में मन नही लगता है ,और थकावट, सिरदर्द आदि समस्याएं होती है ।
११-चित्रों , मानचित्रो , ग्राफ , रेखाचित्रो आदि की मदद से पढ़े । ये अधिक समय तक याद रहते है ।
१२-पढाई में कंप्यूटर या इन्टरनेट की मदद ले सकते है ।
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27 टिप्‍पणियां:

  1. बेनामी8/06/2015

    thank you i m facing this problem

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  2. बहुत अच्छी तकनिक

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  3. उत्तर
    1. नही अनूप भाई हम लेट कर नही बैठ कर पढते है

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  4. Pooja Singh Raikwar9/17/2015

    Aap sahi kah rahe ha bhai, aapki har salah sabhi students k liye bhut he madadgaar sabit hoti ha !

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  5. Shantanu Purohit9/18/2015

    जो दूसरों की समस्याओं को अपना बना लेते हैं ,
    उन्हें ईश्वर कभी उनकी अपनी समस्याओं में नहीं डालता . ..
    आप्ने हमारी सभी समस्याओं को अपना बनाकrर आपेक्षित सहयोग दिया है ……Thank You Nitin Ji

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  6. Sam Saini Osho9/18/2015

    really u r doing nice job bhaiya _/\_

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  7. Good suggestion, Nitin Gupta g . . . .

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  8. Meera yadav10/23/2015

    Thanks for motivating us

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  9. rohit kumar1/03/2016

    God bless you sir
    apki bahut jarurat h hmlogo ko sir
    ap itna motivate krte h ki koi bhi insan apne lakshya ko paa lega
    aur ha sabhi ias aisparant se meri rqst h ki jab ap social work krna chahte h to dil se kijiye
    usme na hi koi selfish ho aur na hi apni morality kharab kro.

    Superb post sir

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  10. Kya koi bata sakta hai ki Haryana police sub-inspactor ka syllbus kya hai..

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  11. Good information.
    Help to learnings & best number of exams.

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  12. pravesh rajvanshi5/16/2016

    very helpfull
    i have also this problem.

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  13. Bali Rayal6/10/2016

    बहुत सुन्दर....धन्यवाद।

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  14. Bahut hi Behtarin tips for students study tips....

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  15. Enclosed by a case of assurance with the gifts of the devata who is the encapsulation of solidarity, commitment and faithfulness, the Chalisa gives numerous motivations to rest confidence and confidence in Shri Hanuman.

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  16. Wow..!so nice blog.its so informative blog for everyone, i really like your blog this is really good Online study point to learn something good.

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Thank You